GST की वजह से बदलनी पड़ेंगी आपको ये 4 आदतें, 1 जुलाई से रहें तैयार

जीएसटी में अगर आप समय पर टैक्स नहीं देते हैं या किसी तरह की इन्फॉरमेशन सही नहीं देते हैं, तो आप पर पेनाल्टी हो सकती है, साथ ही सजा का भी प्रावधान है।नए जीएसटी कानून में धांधली करने पर 10 हजार रुपए की सजा से लेकर 5 साल जेल तक की सजा का प्रधान है। बदल लें बुरी आदतें : अगर आप जीएसटी में टेंशन फ्री लाइफ जीना चाहते हैं तो आपको अपनी कुछ बुरी आदतों में बदलाव करना होगा।अगर समय पर रिटर्न भरने की आदत नहीं है या जरूरी दस्तावेज नहीं संभालते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।आइए जानते हैं कि कुछ ऐसी की बुरी आदतों के बारे में, जिन्हें नहीं छोड़ा तो आपको एक जुलाई के बाद परेशानी हो सकती है।

नंबर-1 लापरवाही:

अगर आप टैक्स भरने में लापरवाही करते हैं तो आपको जीएसटी में नुकसान उठाना पड़ सकता है। आदत नहीं बदली तो क्या होगा: जीएसटी कानून के मुताबिक, आप टैक्स भरने में लापरवाही करते हैं, सही रिटर्न नहीं भरते हैं या अधूरा रिटर्न भरते हैं तो आपको 10 हजार रुपए तक की पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।

नंबर-2 लेटलतीफी: 

जीएसटी कानून के मुताबिक, आपको हर महीने रिटर्न भरना है और निश्चित तारीख पर भरना है। साथ ही आपने जो जीएसटी कलेक्ट किया है उसे भी टाइम पर सरकार को देना होगा। इसलिए लेटलतीफी नहीं चलेगी। आदत नहीं बदली तो क्या होगा: तय समय पर रिटर्न नहीं भरना, या कलेक्ट किए गए जीएसटी को सरकार को टाइम पर नहीं देना जीएसटी के तहत एक अपराध है। आपको टैक्स अधिकारी नोटिस भेज सकते हैं। कानूनी कार्रवाई भी संभव।

नंबर-3 हिसाब किताब नहीं रखना:

जीएसटी के तहत हर खरीद और ब्रिक्री का रिकार्ड रखना बेहद जरूरी है। अगर हिसाब किताब रखने का आदत नहीं है तो इसे सुधार लें। आदत नहीं बदली तो क्या होगा: हिसाब-किताब नहीं होने से आपका रिटर्न अधूरा रहेगा। सबकुछ ऑनलाइन और रिकॉर्ड में होने के चलते किसी न किसी प्वाइंट पर आप पकड़ में आ जाएंगे। इसके चलते आप पर टैक्स चोरी का आरोप लग सकता है। टैक्स चोरी में सजा का भी प्रावधान है

नंबर-4 एन्वॉइस संभालकर नहीं रखना: 

जीएसटी के तहत बिजनेस करने वाले हर व्यक्ति को खरीद-बिक्री का हर एन्वॉइस संभालकर रखना जरूरी है, अगर आपको एन्वॉइस संभाल कर रखने की अदात नहीं है तो संभल जाएं। आदत नहीं बदली तो क्या होगा: दरअसल जीएसटी में इनपुट क्रेडिट या टैक्स में छूट बिना एन्वाइस के नहीं मिली है। मान लीजिए आप किसी चीज का प्रोडक्शन करते हैं। प्रोडक्ट बेचने के बाद आपपर 5000 जीएसटी की देनदारी पड़ी। आपका कहना है कि इन प्रोडक्ट्स को बनाने में मैंने जो सामान यूज किए उन पर पहले ही जीएसटी दे चुका हूं। सरकार आपको उस खरीदे सामान के लिए तभी टैक्स की छूट या इनपुट क्रेडिट देगी जब आप खरीदे गए सामान की एन्वाइ दें। नहीं दिया तो आपको पूरा टैक्स चुकाना पड़ेगा। Recommended Articles

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